भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने 13 सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया है। इस समिति में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और 12 अन्य लोग शामिल हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
मंत्रिपरिषद का गठन नहीं होने के कारण मध्यप्रदेश में फिलहाल कोई स्वास्थ्य मंत्री नहीं है। कोरोना वायरस के प्रकोप और उसके बाद लागू देशव्यापी बंद के कारण प्रदेश में भाजपा सरकार की मंत्रिपरिषद का गठन नहीं हो पाया है और 23 मार्च से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बिना मंत्रिपरिषद के सरकार चला रहे हैं। प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि कोविड-19 के मामलों की वृद्धि को देखते हुए सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया है।
इसमें कैलाश सत्यार्थी के अलावा आठ डॉक्टर, एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी शामिल किए गये हैं। उन्होंने बताया कि इस समिति में प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी सरबजीत सिंह, मध्यप्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जितेन्द्र जामदार और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मुकुल तिवारी सदस्य बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि समिति कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए सरकार को सुझाव देगी। इसके साथ ही समिति लोगों के कल्याण और नीति निर्धारण के लिए भी समय-समय पर अपने सुझाव सरकार को दे सकेगी।
प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव इस समिति के संयोजक बनाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार शनिवार तक प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1,360 पर पहुंच गयी है। इनमें से 69 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित इन्दौर में 892 और भोपाल में 197 मरीज पाए गए हैं। यह घातक संक्रमण मध्यप्रदेश के 25 जिलों में फैल चुका है। प्रदेश में कुल 52 जिले हैं।